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Sonias Diary

Drama Others

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Sonias Diary

Drama Others

कमरे में बिखरी चीजों में गुम

कमरे में बिखरी चीजों में गुम

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कमरे की बिखरी चीज़ों में गुम 

मेरे ख़्वाब आज हक़ीक़त का चोला 

पहन मुस्क़ा रहें हैं ….

मेरी साँसें मेरी खामोशी 

आज मुझे हँसा रही हैं ….

कभी टटोलती हूँ पुराने वस्त्र 

पुराने खिलौने

पुरानी बिखरी बातें

वो अनगिनत गमगीं रातें 

और फिर धुएँ सा उड़ा देती हूँ 

वो सारी यादें …

कमरे में बिखरी चीज़ों में 

गुम सोनिया 

आज फूलों सा महक रही है 

निकल पिंजरे से वो 

चिड़िया सा चहक रही है ।।।




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