कलयुगी अवतार
कलयुगी अवतार
कोरोना ने एक ऐसा आतंक मचाया,
सब को मार है गिराया।
सब कुछ तहस-नहस हो गया,
यह कलयुग का अवतार है।
पर इसमें भी एक बढ़िया बात है,
इसने कोई भेद भाव नहीं समझा।
हम सबको एक ही तराजू में तोला,
सब के मुंह पर पट्टी बांधी।
सबको लक्ष्मण की रेखा की याद दिलाई,
सब तरफ हाहाकार मचा है।
इंसान ने इंसान को नहीं समझा,
जब इंसानों पर पड़ी कुदरत की मार।
तब समझ में आया कि हमने क्या है गवाया,
इंसानों जागो, देखो अपने ही अंदर का रूप।
जो आज तक तुम संसार पर अत्याचार कर रहे थे,
जरा गौर से देखो यह तुम्हारा ही अक्स है।
इंसानों यह तुम्हारे ही अंदर का एक जानवर है...