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Shyam Kunvar Bharti

Action Tragedy

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Shyam Kunvar Bharti

Action Tragedy

कलंक कश्मीर

कलंक कश्मीर

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कलंक कश्मीर, भारत में अब कौन मिटाएगा

निष्काषित कश्मीरी पंडितों को अब कौन बसाएगा।


होकर बेरहम, निर्दयी मासूमों का कत्लेआम किया

औरतों बुढ़ों जवानों को मार भारत बदनाम किया।


खंडहर बने मकानों को, घर अब कौन बनाएगा

गैर तो गैर अपनों ने अपना सब छिन लिया।


हत्या, बलात्कार, जुल्म इतना, नहीं पाक और चीन किया

स्वर्ग की धरती फिर से स्वर्ग अब कौन बनाएगा।


लग गया टीका कलंक का, वतन इतिहास के पन्नों पर

बच गए गिने चुने पंडित उंगलियों की गिणती पर।


लगाकर गले पंडितों को, सम्मान अब कौन दिलाएगा

देकर साथ आतंकियों का, अलगाववादियों ने गद्दारी की।


अपने ही भाइयों शहर से निकाल, गुनाह भारी किया

पौंछ आँसुओं को बेगुनाहों को ढांढस अब कौन बंधाएगा।


मिटे नहीं कलंक तब तक, कलंक दिवस हम मनाएंगे

लिए शरण जहा भारत पंडित ढूंढ उन्हें हम लाएँगे।


कर खत्म आतंकियों को गद्दारों को आँसू दे अब कौन रुलाएगा।



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