कलम की ताकत
कलम की ताकत
कलम की ताकत पहचानो तुम, कलम की महत्ता जानो तुम
बढ़ाव नजदीकियाँ क्रांतिकारी कलम से तुम,
ले थाम तू अपने हाथों में, यह अचूक हथियार है।
कट जाएगी जुल्म की सब बेड़ियाँ, पैनी इसकी धार है।
बड़े -बड़े सत्ताधीशों की साख गिराने वाली,
परतंत्रता की बेड़ियाँ तोड़कर नवजागरण का प्रतीक है ये कलम।
क्रूर से क्रूर तानाशाहों की लगाम है कलम,
मुक्ति की संग्राम है यह कलम। पहचान इसे तू,
सच्चा साथी मान ले इसे तू , संग रखना ठान इसे तू।
प्रेम की सुधा बरसाने वाली, वीरों की गौरव गाथा दुहराने वाली।
विरह की विह्वल व्यथा की अनुभूति कराती,
साथी के मनोभाव की संदेशवाहक है कलम।
निर्धन को भी सत्ता के शिखर तक पहुँचाने वाली भाषा की अथाह स्याह है इसमें,
बिछड़े को भी फिर से मिलाने वाली।
कभी प्रेम, कभी करुण, कभी वीरता, कभी ममता,
कभी वेदना भरी स्याही इसमें, कभी मूकों का आवाज बन जाती।
हर मर्म की दवा है, यह कलम।