किसी मय का प्याला है
किसी मय का प्याला है
तेरी मुस्कान है दिलबर या किसी मय का प्याला है,
तेरी मुस्कान ने महबूब दर्द-ए-दिल निचोड़ डाला है l
फकत दीदार को नीलम, घूमा करते हैं गली-कूचे हम
जो कभी जाता था मंजिल को वो रास्ता मोड़ डाला है l
हाँ ये दुनिया तो हमदम, महज पहरा-ए- मुहब्बत ग़म
तेरी चाहत में नीलम रिश्ता, हाँ इससे तोड़ डाला है l
