ख़यालों वाली लड़की
ख़यालों वाली लड़की
एक लड़की है प्यारी सी, ख़यालों में रहती है
ख़यालों में ही दिखती है, असल कभी दिखती नहीं।
सुन्दर सी आँखें है उसकी, मासूम सी मुस्कान है,
है लगती काफ़ी सुन्दर, शृंगार कोई करती नहीं।
बात नहीं होती रोज़ाना, निकल जाते हफ्ते कई,
फिर भी प्यार से बातें करती, कभी भी रूठती नहीं।
मैं जो कहता सुन लेती, जो मैं चाहता कह देती
मेरी किसी भी बात को, कभी भी टालती नहीं।
एक शिकायत है उससे, मिलती सिर्फ ख़यालों में,
हकीकत में तो सामने, कभी भी दिखती नहीं।
ख़यालों में ही है मेरे, उससे जैसे रिश्ता है,
वो है तो इश्क़ की कमी, कभी भी खलती नहीं।