बेजान पत्थरों से बोलती, रूठती उन्हीं के कंधों पर रो देती थी बेजान पत्थरों से बोलती, रूठती उन्हीं के कंधों पर रो देती थी
मैं जो कहता सुन लेती, जो मैं चाहता कह देती मेरी किसी भी बात को, कभी भी टालती नहीं। मैं जो कहता सुन लेती, जो मैं चाहता कह देती मेरी किसी भी बात को, कभी भी टालती ...
पापा की राज दुलारी, घर में सबसे सयानी मेरी प्यारी बिटिया रानी पापा की राज दुलारी, घर में सबसे सयानी मेरी प्यारी बिटिया रानी