मुझे तुम सदा चहकती हुई ही अच्छी लगती हो मुझे तुम सदा चहकती हुई ही अच्छी लगती हो
हँसती है वो मुस्कुराती है वो हमारी मुस्कुराहट को ओढ़े है मेरी माँ हँसती है वो मुस्कुराती है वो हमारी मुस्कुराहट को ओढ़े है मेरी माँ
हर एक पल खुद को कोसती हूं क्यों होते हैं लोग इतने मतलबी, हर एक पल खुद को कोसती हूं क्यों होते हैं लोग इतने मतलबी,
ये हिचकोले खाती समंदर की कश्ती है हर तूफ़ान से ये लड़ती है ये हिचकोले खाती समंदर की कश्ती है हर तूफ़ान से ये लड़ती है
बिन बात के बिन बात के
महफिल में फैलाती उजियारा खुद से महफिल में फैलाती उजियारा खुद से