इसीलिए तो कहती हूँ ना , कुछ तो छूट दी होगी मैंने ! इसीलिए तो कहती हूँ ना , कुछ तो छूट दी होगी मैंने !
अब जब सब मोती बिखर कर अलग हो गए तब, मैं माला तो ना बना पाउंगी, अब जब सब मोती बिखर कर अलग हो गए तब, मैं माला तो ना बना पाउंगी,
बेजान पत्थरों से बोलती, रूठती उन्हीं के कंधों पर रो देती थी बेजान पत्थरों से बोलती, रूठती उन्हीं के कंधों पर रो देती थी
प्रत्येक क्षण बहुमूल्य है करो इसका सदुपयोग। प्रत्येक क्षण बहुमूल्य है करो इसका सदुपयोग।
अच्छी पुस्तकें समाज के लिए एक रत्न की तरह होती है, अच्छी पुस्तकें समाज के लिए बहुमूल्य अच्छी पुस्तकें समाज के लिए एक रत्न की तरह होती है, अच्छी पुस्तकें समाज के लिए...
गोद में खेले, इसकी छाया में पले हैं, फर्ज निभाने अपना हम तो चले हैं। गोद में खेले, इसकी छाया में पले हैं, फर्ज निभाने अपना हम तो चले हैं।