तोहफ़ा
तोहफ़ा
1 min
309
फ़ूल दिखे बाज़ार में
मुझे याद आई एक फ़ूल की
फ़ूल जो पूरे गुलदस्ते से
ज्यादा सुंदर लगता है।
थोड़ा आगे दिखी चूडियां
फ़िर से याद आई उसकी
जो इन कांच की चूड़ी से
ज्यादा नाजुक लगती है।
दिख गए फिर झुमके आगे
याद आना लाज़मी था
उसकी जो उन झुमको की
खूबसूरती बढ़ा देती।
सोचा आयेगा एक दिन
जब मांगेगी सब तोहफ़े में
वो लड़की जो आज मेरे
तोहफ़े को मना करती है।