खतों की उदासी
खतों की उदासी
तुम्हारा दिया हुआ
जन्मदिन का तोहफा
मुझसे उन चिठ्ठीयो के बारे में पूछता है
जो मैंने तुम्हारे इंतज़ार में तुम्हें लिखी थी
आख़िर वो रह कहाँ गयी
या वो पता भूल गयी है
वरना इतनी देर कौन लगाता है
खत का जवाब लिखने में
अब उन्हें क्या बताऊँ
उनको तो तुमने अग्नि भेंट कर दिया है।

