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Karishma Gupta

Romance

3  

Karishma Gupta

Romance

"खता"

"खता"

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क्या खूब खता की हमने भी, जो मांग लिया तेरा साथ खुदा से।


नाम लिखा करते थे तेरा, अपनी उंगलियों से हवा पर।


हुए मसरूफ़ इस कदर तुझमे, कि अनजान रहे अंजाम से अपने।


पाकर तुझको भूल गए हम खुद को, और छूट गए थे सब अपने।


अब खुद से ही पूछते है, क्यों खता की ये हमने,


जब था ही नहीं कुछ दरम्यान तेरे मेरे, तो क्यों मंजूरी दी रब ने।


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