कहानी एक देश की
कहानी एक देश की
एक देश था, कभी सोने की चिड़िया,
जाने कहां गुमनाम हो गया।
बाज थे, राजा महाराजा वहां,
जाने कैसे, कबूतरों का गुलाम हो गया।
एक सफेद कबूतर आया था, लंदन से,
राजा ने कहा, यह हमारा मेहमान हो गया।
बाज आपस में लड़ते रहे,
उनका काम तमाम हो गया।
बन बैठा राजा, वहां कबूतर,
इस तरह वो देश, गुलाम हो गया।
लूट -खसूट कर, खा गए उस देश को,
और वो देश, वीरान हो गया।
तभी एक बाज, गुलामी से छटपटाया,
और देश पर, कुर्बान हो गया।
जब सोए बाज जागे, तब कबूतर भागे,
और वह देश, हिंदुस्तान हो गया।
फिर से नई, संस्कृति का जन्म हुआ,
और यह देश, महान हो गया।
कुछ दिन, ठीक-ठाक चला,
फिर ऐसा एक, काम हो गया।
बाज ही बाज को, खाने लगे,
और यह देश, बदनाम हो गया।
जाति, धर्म, मजहब में बट गया,
बाज, कितना नादान हो गया।
चुने हुए, बाजनेताओं को,
जाने क्या, गुमान हो गया।
रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार से,
काला धन जमा किया,
कितना स्वार्थी आज, इंसान हो गया।
बेईमान बाज, ही राजा बनने लगे,
गरीब प्रजा का कितना, नुकसान हो गया।
भरने लगे हैं तिजोरी, अपनी सब,
जनता को अब यह, ज्ञान हो गया।
महंगाई, बेकारी, बेरोजगारी बढ़ाकर,
नेता क्या, भगवान हो गया ?
अरे ! भूला उनकी शहादत को भी,
जो देश पर, बलिदान हो गया।
भूल गया उनके, वजूद को ही,
बाज कितना, शैतान हो गया।
धूल जमी रहती है, उनकी तस्वीरों पर,
जो हमें आजाद करके, जहान खो गया।
आंखें नम रखना, उनकी शहादत में अजीत,
जिनके खून से आजाद, हिंदुस्तान हो गया।
