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yuvrajsinh Jadav

Tragedy

3  

yuvrajsinh Jadav

Tragedy

प्यार के अँगारे

प्यार के अँगारे

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कोई जिंदा होके भी गम में जीता है...2

कोई कब्र मे होके भी सुकुन से सोता है।


आंखे मिलने से पेहले रोक लो अपने आपको....

कही पछताने का वक़्त ना आजाये।


शिकार तो वो करते हैं हमारे दिल का...2

फर्क सिर्फ़ इतना है कि ,

शेर छलांग लगा के दिल चीरते हैं

और वो आँखे मिलाकर।


बड़ी बदनाम हे रे तू कॉलेज...2

सुना है, जो भी आता है बिगड़ जाता है।


अगर प्यार की बात करे तो...2

हमने भी किसी को दिल दिया था।

वक्त आने पर वो आगे निकल गए

और दिल वही छोड़ गए।


खैर इश्क़ की राह में कोई पलता है...2

तो कोई पल-पल जलता।


अब ना होगा हमसे प्यार कभी...2

जल-जल कर अभी तक राख नहीं बुझी।


जब जलती राख पर हवा लगी...2

तब पता चला कि ,

अंगारे अब पुरी दुनिया में फैलने वाले हैं ।


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