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yuvrajsinh Jadav

Classics Inspirational

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yuvrajsinh Jadav

Classics Inspirational

में भारत हूँ

में भारत हूँ

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मैं मुस्कुराता हूं, में गाता हूं,

मैं ईद और दिवाली मनाता हूं,

वैशाखी पर मुझे भांगड़ा मिला,

मैं क्रिसमस पर जिंगल बेल जिंगल बेल भी गाता हूं।


मैं गर्व से सिर उठाता हूं,

जब गाँधी, नेहरू की

बदौलत में एक हो पाता हूँ।

मैं तब टूट जाता हूँ,

जब जिन्हा का एक अलग

पाकिस्तान बनकर रह जाता हूँ।


फिर भी सरदार जैसो का सहारा लेकर,

मैं खड़ा होजाता हूँ।

देख नहीं सकते लेकिन मेरे ही छोटे भाई मेरी खुशी

इस बात से ही में हर बार पछताता हूं।


मैं शर्म से सिर झुका लेता हूँ,

मैं शर्मिंदा हो जाता हूँ,

जब मेरे ही भाई फिरंगी के साथ खड़े पाता हूँ।


मैं चीखता चिल्लाता हूं,

मैं साँस भरने से घबराता हूँ,

जब मुट्ठी भर आतंकी के हाथों से,

मैं खून से नहाता हूं।


मैं भारत हूं, हां, मैं भारत हूं,

मैं फिर भी सबको अपनाता हूं।

क्योंकि ... मैं भारत हूँ।


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