कहानी-दादी के मुंह से
कहानी-दादी के मुंह से
दादी थी मेरी बहुत निराली,
इतनी सुंदर, इतनी प्यारी,
हर वक्त कहानियां सुनाती,
शुगर की बीमारी से थी बो पीड़ित,
पर वो बिल्कुल नहीं घबराती थीं।
खाना लेकर हर वक्त दौड़ती,
जबरदस्ती वो खिला देती थीं,
जब-जब मम्मी डांटने दौड़ती,
वो ही बीच-बचाव कराती थी।
बोली में शुगर जैसी मिठास उनकी,
हम सबको बहुत ही भाती थी,
राजा-रानी से लेकर भूत पिशाच,
सबकी कहानी किस्से सुनाती थी,
जब-जब डरते थे हम सब सुनकर,
प्यार से सिर सहलाकर सुलाती थी।
ढेरों राजा रानी कविता मुंह जुबानी सुनाती थी,
सुना सुना कर हमको गर्व महसूस कराती थी।
कैसे राजा ने अपने राज्य को बचाया,
सारे तरीक़े बखूबी सुनाती थी,
दांत लगे थे नकली उनके,सांस की बीमारी थी,
हमें बढे चाव से धीरे धीरे खिलाती थी,
सांस की बीमारी उनको बढी सताती थी,
पर अपनी स्फूर्ति से सबको चौंकाती थी।
दादी थी हमारी ऐसी प्यारी न्यारी
सबको बहुत ही भाती थी।