खामोशी पर
खामोशी पर
किसी खामोशी पर जो इतराते हैं
बेशक वो भी तनहा होते हैं !
जो दर्द दे कर खुश होते हैं
मसले उनका भी सबब बनते हैं !!
इंतजार क्या करें हम किसी भी जीत का
ऐसी जीत मिल जाये तो भी, हम हार जाते हैं !
समझकर भी खामोश रहते हैं, सभी अपने
मसला तुम्हारा है, सब यूँ ही टाल देते हैं !!
यकीन नहीं होता था मुझे भी अकसर ,
ऐसा मंज़र अपने ही दिखा देते हैं !
ज़िन्दगी का फलसफा सबको है पता आदि
या तो सब दान देते हैं, या फिर छोड़
जाते हैं !!
