कभी सोचा है तुमने?
कभी सोचा है तुमने?
शक्कर की तरह घुल जाती हो पानी में
हर किसी की जिंदगी में मिठास भर देती हो।
कभी सोचा है तुमने?
तुम्हारा अपना भी एक अलग सा स्वाद है।
कभी किसी की सुबह बनती हो
कभी किसी की शाम।
कभी सोचा है तुमने?
24 घंटों में एक पहर तुम्हारा अपना भी है।
मिल जाती हो हर रंग में
इस तरह कि नजर ही नहीं आती हो।
कभी सोचा है तुमने?
तुम्हारा अपना भी एक रंग है।
खुद से ये बेरुखी क्यों?
थोड़ा सा स्वार्थी होना अपने लिए
किसने कहा बुरा है?
