STORYMIRROR

Kishan Negi

Romance Fantasy

4  

Kishan Negi

Romance Fantasy

कौन दिशा से आयो पंछी

कौन दिशा से आयो पंछी

1 min
363

कौन दिशा से आयो रे पंछी

किस देश में है तेरा ठिकाना

जैसे मैं हूँ साजन की दीवानी

क्या तू भी है किसीका दीवाना


लंबा सफ़र तय किया है तूने

मेरे आंगन में बना इक बसेरा

तेरे होने से सांझ मुस्कराएगी

ठुमक ठुमक नाचेगा हर सवेरा


कभी तू सुनाना अपनी कहानी

कभी मैं सुनाऊंगी दिल की बात

हर दिन हर शाम सुहानी होगी

कभी यादों की होगी चांदनी रात


दिल की है अब एक ही आरज़ू

पास मेरे चला आए मेरा बालम

क्यों मौन है तू कुछ बोल रे पंछी

अब कैसा है तेरे दर्द का आलम


मिला नहीं कोई तुझसा सखा

जुदा होने की बात मत करना 

सुनकर मेरी दर्द भरी ये कहानी

आंसुओं की बरसात मत करना 


याद साजन की लगी है सताने

आंखों से बहती सावन की झड़ी 

रे पंछी साथ मेरा छोड़ मत देना

मुंडेर पर अल्हड़ जवानी है खड़ी 


वो क्या जाने हाल इस दिल का

जिसने समझा नहीं प्यार क्या है

तू खोया नहीं किसी की यादों में

रे पंछी तू क्या जाने यार क्या है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance