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AMAN SINHA

Romance Classics Fantasy

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AMAN SINHA

Romance Classics Fantasy

कैसे कर लेते हो

कैसे कर लेते हो

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दबा कर आँखों में आँसू यूं मुस्कुरा जाते हो 

देकर खुशियाँ अपने हिस्से की हमें ग़म भुला जाते हो

कैसे अपने एहसासों को ज़ुबान पर आने नहींं देते 

दिल के बवंडर को क्यों बह जाने नहींं देते 


क्यूँ हर बार तुम हीं अपने अरमानो को दबाते हो 

किस तरह से तुम अपने अशकों मे गोते खाते हो 

जो छुपा के रखा है राज़ क्यूँ वो बता नहींं देते 

खफा अगर हो हमसे क्यूँ हमें जाता नहींं देते 


जो बताओगे नहींं हमें तो हम जानेंगे कैसे ? 

तुम बस हमारे हो हम ये मानेंगे कैसे ? 

बस प्यार है मुझी से ये कह भी दो 

बस इंतज़ार मेरा है ये अब कह भी दो 


ना जिया जाय मुझ बिन ये इकरार कर लो 

फिदा बस हो मुझी पर ये अब कह भी दो 

कह दो मुझसे कि मैं बस तेरा ही हिस्सा हूँ

जो हूँ जैसा हूँ बस तेरा ही क़िस्सा हूँ 


क्युँ दिल की लगी को बुझ जाने नहीं देते 

अपने दिल के गुलिस्ता को बस जाने नहीं देते

छुपा के अपने सारी आँसू तुम खुशियाँ कैसे बाँट लेते हो 

कहो यह कारनामा तुम कैसे कर लेते हो ?


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