कैसे भूल सकता हूँ
कैसे भूल सकता हूँ
उस दिन की बातें
कैसे भूल सकता हूँ ?
दूसरों के गुलाम में था
खाया हूँ अंग्रेज़ों की मार
उसकी निशानी अब भी है
मेरी देह पर।
देश को आजाद करने के लिए
हुआ है लड़ाई
खून बहा है कितने लोगों का
अंग्रेज कुत्तेां की
गोली से हुये घाव की दर्द
अब भी स्मरण करता हूँ
उन दिनों की बातें
कैसे भूल सकता हूँ ?
जाति -धर्म बचाने के लिए
कितना हुआ है लड़ाई
देश को आजादी दिलाने के लिए
बाढ. के पानी जैसा
मनुष्य का खून बहा है
अंग्रेज़ कुत्तेां के साथ लड़ाई
युद्ध के मैदान की तस्वीर
मन की एक कोने में
अब भी बनी हुई है।
वीर सिदो-कान्हु की नेतृत्व
बाबा तिलका माँझी की लड़ाई
अब भी याद करता हूँ
देश को आजादी दिलाने के लिए
भारत माता को आजाद करने के लिए
वीर शहीदों का ऋण
उसे मैं कैसे चुकाऊँ ?