कान्हा बन खेलूंगा होली
कान्हा बन खेलूंगा होली
खुशियों का त्यौहार है आया ,
बसंत ऋतुओ की फुहार आया।
सत्य की जीत दिलाती
असत्य की दिखाने हार आया।
फसलों की कटाई से पहले ,
झूमने का त्यौहार आया।
आओ खेलें होली ,
भरेंगी खुशियों की झोली।
मैं नीले रंग में रंगकर
कान्हा बन खेलूंगा होली।
तू लाल रंग में रंगकर
राधा बन जाना इस होली।
मैं बाँसुरी बजाकर करूँगा बात ,
तू गुलाल उड़ा कर देना जबाब।
लोटपोट होकर रंग में ,
करूँगा अपने प्रेम की बात।
मैं कान्हा बन खेलूंगा होली ,
तू राधा बन जाना इस बार।

