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Prahlad mandal

Romance

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Prahlad mandal

Romance

कान्हा बन खेलूंगा होली

कान्हा बन खेलूंगा होली

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खुशियों का त्यौहार है आया ,

बसंत ऋतुओ की फुहार आया। 

सत्य की जीत दिलाती 

असत्य की दिखाने हार आया। 

फसलों की कटाई से पहले ,

झूमने का त्यौहार आया। 


आओ खेलें होली ,

भरेंगी खुशियों की झोली। 

मैं नीले रंग में रंगकर 

कान्हा बन खेलूंगा होली। 

तू लाल रंग में रंगकर 

राधा बन जाना इस होली। 


मैं बाँसुरी बजाकर करूँगा बात ,

तू गुलाल उड़ा कर देना जबाब।

लोटपोट होकर रंग में ,

करूँगा अपने प्रेम की बात। 

मैं कान्हा बन खेलूंगा होली ,

तू राधा बन जाना इस बार। 


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