जिंदगी
जिंदगी
जिंदगी को एक ऐसे पन्ने की
जरूरत होती हैं
अगर उदय हो तों
उम्मीदें हों सिर्फ और सिर्फ !
कुछ नये करने के
पूरी के पूरी ताज़गी के साथ
जब पलटे जाए पन्नें तो
जैसे मिलते हैं भौंर की किरणों
के करीब जाकर उनमें खो जाने से
और अगर अस्त हो तों
सिर्फ और सिर्फ यादें हों
बिल्कुल हसीन सा
जिसे एक बार अंधेरी रातों में
पलट लिया जाए तों
नजर ना हटाने का मन करें
हां वैसे ही जैसे अमावस्या और पूर्णिमा
वाले चन्द्रमा की तरफ से नजरें
नहीं हटते।
