STORYMIRROR

Anil Jaswal

Classics

4  

Anil Jaswal

Classics

काला सबकुछ छुपाता।

काला सबकुछ छुपाता।

1 min
360

काला रंग,

सबको भाता,

इंसान की सारी,

कमीयां छुपाता,

और अच्छाइयां उजागर करता।


अगर पहन लो काला,

तो बंदा लगता जैंटलमैन,

सारी दुनिया होती,

उसकी कायल,

इसको कहते हैं,

राजकीय पोषाक,

बताता ये इंसान हैं,

ताकत वाला,

इसमें है सभ्याचार,

साथ में ठाट-बाट।


जिस भी महफ़िल में,

वो जाता,

सब पे खूब रौब डालता,

कोई भी,

उसके सामने नहीं टिक पाता।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics