जुल्फ की छांव में।
जुल्फ की छांव में।
जुल्फ की छांव में मुझको यार रहने दो।
यू न देखो मेरी हसरत को प्यार कहने दो।
जिंदगी शोख है मस्ती भरी आंखों में सनम।
इन्हीं गहराइयों में दिल की बहार रहने दो।
तेरे नाम की धुन गूंजती है दिल के तारों में।
हंसी चेहरे पर सजा यह श्रृंगार रहने दो।
हैं हजारों गम जमाने के सभी मंजूर मुझे।
एक तेरा साथ मिले इतना करार रहने दो।
मुझको ठुकराते रहे वो जिन्हें अपना समझा।
मुझे मनमीत अपने दिल का हार रहने दो।
"शिवा"
भोपाल

