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Pratishtha Singh

Classics Inspirational

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Pratishtha Singh

Classics Inspirational

पर्यावरण का विकास हमारा विकास

पर्यावरण का विकास हमारा विकास

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पर्यावरण का हो रहा विनाश,

करना होगा हमे विकास।

रोके कैसे निवारणीकरण और प्रदूषण,

इन बातों का करके संचार।


प्रकृति की गोद में हम सब,

नई ऊर्जा से होंगे लबरेज।

नवीकरण ऊर्जा के उपयोग से,

बढ़ेंगे पेड़ घटेंगे प्रदूषण के खतरे।


आर बनाएंगे हम संबंध पर्यावरण से अच्छे,

हमे मिलेंगे फल मीठे–मीठे।

नहीं आयेगी अम्ल वर्षा,

आयेंगे ऋतु समय–समय पे।


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