जुनूनी इश्क
जुनूनी इश्क
इश्क हुआ वह भी जुनूनी इश्क
ना खाने की फिक्र ना पीने की
ना इज्जत की फिक्र ना समाज की
बस उसकी झलक पाने को
उसके घर ,कॉलेज के चक्कर
पागलों सी हालत बन गई
उम्र उस दहलीज पर था
जहां किसी कि बाते अच्छी
नही लगती ,
खुद के शिवा कोई सच्चा नही
अब तो हैं कोई बच्चा नहीं
एक तरफा इश्क जुनूनी इश्क
पहुंचा दिया पागल खाने
ठीक होने पर पता चला
वह तो हमे ना पहचाने!