STORYMIRROR

Ritu Garg

Tragedy

3  

Ritu Garg

Tragedy

दर्द

दर्द

1 min
131

तुमने जलाए दिए बहुत,

पर हमने अंधेरों को चुना।

तुम्हारी यादों के सहारे,

मेरा सफर हमेशा रहा।


पग पग पर धोखों का,

सिलसिला जारी रहा।

मन की चुभन ने हमें,

चैन से जीने न दिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy