घी का लड्डू टेढ़ा।
घी का लड्डू टेढ़ा।
मेरे पड़ोसी अंकल जी की दिव्यांग बेटी है,
घर में बड़ी दो छोटे भाइयों की ही बहन है।
अच्छा और सुखी परिवार उन सबका था,
परिवार का पालन पोषण भी बढ़िया था।
अंकल जी को एक दिन लकवा मार गया,
पूरा परिवार मुसीबतों में ही जैसे आ गया।
आंटी जी बर्तन और सफाई करके पालती,
बड़ी बेटी से यह सब सहन नहीं हो पाया।
जल्दी ही भगवान जी की कृपा हो गई थी,
शिक्षक दिव्यांग बेटी की नौकरी लगी थी।
दिव्यांग होने के बावजूद अच्छा पढ़ाती है,
घी का लड्डू टेढ़ा बात यहाँ पर चरितार्थ है।
