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इंदर भोले नाथ

Tragedy Others

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इंदर भोले नाथ

Tragedy Others

आखरी पड़ाव से

आखरी पड़ाव से

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उम्र के 

आखरी पड़ाव से 

लड़ता हुआ कमरा 

चौखट जो 

तनिक धक्के से 

गिर जाये लड़खड़ा के 

किवाड़ जो 

आधी टूटी हुई चौखट से 

लग झूला झूल रही हो 

खिड़कियाँ जो 

हवा के हर झोंके पे 

झाँक उठती हो 

मुंडेर 

जिसके छज्जे 

झुक चुके हैं थक हार के 

आ भी जाओ रहबरा 

मुश्किल है दिन इंतजार के।। 



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