STORYMIRROR

इंदर भोले नाथ

Others

3  

इंदर भोले नाथ

Others

ख्वाब

ख्वाब

1 min
232

कभी हम भी ख्वाब रखते थे,

आसमान मे उड़ जाने को..


कभी हम भी ख्वाब रखते थे,

सागर मे नाव चलाने को..


कभी हम भी ख्वाब रखते थे,

इक नया जहान बसाने को...


कभी हम भी ख्वाब रखते थे,

ज़मीन पे चाँद लाने को....


कभी हम भी ख्वाब रखते थे,

पापा सा बड़ा हो जाने को..


अब हम भी ख्वाब रखते है "इंदर"...

उस ख्वाब-नुमा बचपन मे लौट जाने को.... 


Rate this content
Log in