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Nand Kumar

Tragedy

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Nand Kumar

Tragedy

जंग अभी तक है जारी

जंग अभी तक है जारी

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जंग अभी तक है जारी ,

हिम्मत अभी न है हारी ।

बूंद रक्त की शेष है सांसे,

बाधा बने नही लाचारी ।।


भूख गरीबी अरू हकमारी ,

धर्म जाति झंझट भयकारी ।

नारी के शोषण से फैली हुई ,

अराजकता अति भारी ।।


मानव मानव में भेद करे ,

आडम्बर शिर चढ़कर बोलें।

नर पशुओं से मानवता को ,

बचाने की जंग सदा है जारी।।


भ्रष्टाचारी सत्ता लोलुप के ,

चंगुल से बचाना है जन को।

जब तक समानता ना होगी ,

यह जंग रहे हरदम जारी ।।


हिंसा को मिटाने की खातिर ,

रोजगार संविधान बचाने को।

महापुरुषों को मान दिलाने को ,

क्रान्ति की अलख जगाए है ।।


जब तक समाज में दोषों का ,

अंकुरण रहेगा यहां होता ।

तब तक यह जंग थमेगी ना ,

जब तक है यहां बचपन रोता।।


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