जंग अभी तक है जारी
जंग अभी तक है जारी
जंग अभी तक है जारी ,
हिम्मत अभी न है हारी ।
बूंद रक्त की शेष है सांसे,
बाधा बने नही लाचारी ।।
भूख गरीबी अरू हकमारी ,
धर्म जाति झंझट भयकारी ।
नारी के शोषण से फैली हुई ,
अराजकता अति भारी ।।
मानव मानव में भेद करे ,
आडम्बर शिर चढ़कर बोलें।
नर पशुओं से मानवता को ,
बचाने की जंग सदा है जारी।।
भ्रष्टाचारी सत्ता लोलुप के ,
चंगुल से बचाना है जन को।
जब तक समानता ना होगी ,
यह जंग रहे हरदम जारी ।।
हिंसा को मिटाने की खातिर ,
रोजगार संविधान बचाने को।
महापुरुषों को मान दिलाने को ,
क्रान्ति की अलख जगाए है ।।
जब तक समाज में दोषों का ,
अंकुरण रहेगा यहां होता ।
तब तक यह जंग थमेगी ना ,
जब तक है यहां बचपन रोता।।