Renuka Chugh Middha
Drama
जिन्दगी में बहुत ग़म थे
फिर भी मैं पी गया
बहुत हसरतें रही बाक़ी
फिर भी मैं जी गया !
किसान
स्त्री
सैनिक
दर्द नहीं, सु...
हिन्दी
थैंक्यू टीचर
मेरा ख़्वाबों...
ज़िन्दगी
कोरोना को हरा...
कोरोना योद्धा...
कभी तेल में भूनकर खिलाओ तो कभी हल्दी नमक में भिगाओ कभी तेल में भूनकर खिलाओ तो कभी हल्दी नमक में भिगाओ
प्यारी वो उसकी बातें भी प्यारी उसकी आवाज़ से भी प्यार हो ही गया। प्यारी वो उसकी बातें भी प्यारी उसकी आवाज़ से भी प्यार हो ही गया।
नहीं सिखाया आदर-मान जो, पहना जिद, मनमर्जी का चोला है नहीं सिखाया आदर-मान जो, पहना जिद, मनमर्जी का चोला है
ख़ुदा को ही दोषी बनाओ नहीं, ख़ुदी को सदा आज़माते रहो । ख़ुदा को ही दोषी बनाओ नहीं, ख़ुदी को सदा आज़माते रहो ।
दुआएँ देती माँ औलाद विकास की, क्योंकि माँ तो फिर भी माँ होती है। दुआएँ देती माँ औलाद विकास की, क्योंकि माँ तो फिर भी माँ होती है।
एक दिन जब वो आएगी, हमारी ज़िंदगी भी बदल जाएगी….. एक दिन जब वो आएगी, हमारी ज़िंदगी भी बदल जाएगी…..
सलाह जो दी है एक तरफा करना ज़रूरी है क्या। सलाह जो दी है एक तरफा करना ज़रूरी है क्या।
ज़ुल्फ़ों से खेलती उन उंगलियों के क्या कहने वो दांतो से दुपट्टा दबाए बैठे है ज़ुल्फ़ों से खेलती उन उंगलियों के क्या कहने वो दांतो से दुपट्टा दबाए बैठे है
यह परीक्षा है, बोलो यह परीक्षा है पेपर बाहर है, विद्यार्थ यह परीक्षा है, बोलो यह परीक्षा है पेपर बाहर है, ...
वफाई अगर ना कि होती तो, अंजाम कुछ और होता वफाई अगर ना कि होती तो, अंजाम कुछ और होता
छाया संकट राष्ट्र पटल पर, आओ मिलकर दूर करें।। छाया संकट राष्ट्र पटल पर, आओ मिलकर दूर करें।।
मन के हरे हार रे संगी, मन के जीते जीत रे l इहि हमर बैरी संगी, इहि हमर मीत रे 2....... मन के हरे हार रे संगी, मन के जीते जीत रे l इहि हमर बैरी संगी, इहि हमर मीत रे ...
अब दिखती है हर बच्चे में, सपनों की अँगड़ाई भी । अब दिखती है हर बच्चे में, सपनों की अँगड़ाई भी ।
इसलिए बीते दशक के लोगों का दिल खत में बसता है। इसलिए बीते दशक के लोगों का दिल खत में बसता है।
इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना ! इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना !
वक़्त के संग गहरे होते रिश्ते, तकनीकी का प्रभाव बढ़ा।। वक़्त के संग गहरे होते रिश्ते, तकनीकी का प्रभाव बढ़ा।।
रंगों सी हसीन तुम, हम तनहाइयों के आदि, तुम रेशम सी मख़मली, हम तो बस खादी, रंगों सी हसीन तुम, हम तनहाइयों के आदि, तुम रेशम सी मख़मली, हम तो बस खादी,
कमाकर कई साल बाद भी अपनी मां के लिए एक घर नहीं बना पाता। कमाकर कई साल बाद भी अपनी मां के लिए एक घर नहीं बना पाता।
खोज ऐसे शख्स की जो रास्ता बता सके मुझको मेरे अक्स का फिर आईना दिखा सके खोज ऐसे शख्स की जो रास्ता बता सके मुझको मेरे अक्स का फिर आईना दिखा सके
धुआं कर रहे हैं, बस, अपनी जिंदगानियाँ। धुआं कर रहे हैं, बस, अपनी जिंदगानियाँ।