सैनिक
सैनिक


हर हिन्दुस्तानी में “धधक रही ह्दय में ज्वाला” है आक्रोश की ,
देश के वीरों की शहादत पर सौ सौ सलाम होना चाहिए ।
अब की बार घमासान ही सही, बस युद्ध विराम नही चाहिए ,
आगाज़ किया चीन ने तो , अब बस जंग की अटल अंजाम चाहिए।
छिन गये हैं लाल कितने माँ भारती की गोद से ,
कोख चीनियो की भी तंग होनी चाहिए ।
हमारे देश का हर जवान बहुत जाँबाज़ है, है लड़ते जब तक तन में श्वास है ,
युद्ध हर सैनिक के परिवार के सुखों का भयंकर कारावास है ।
वतन पर जो मिट गये ,उन शहीदों की माओं का अनंत उपवास है ,
कहते है अक्सर बच्चें उनके , पापा तो कहीं दूर नही , हमेशा हमारे पास हैं ।
श्रद्धांजलि मैं अर्पित करती हूँ, गलवान घाटी में शहीद हुए वीर नौजवानों को ,
धधक रही ह्दय में ज्वाला” , कांप उठी रूह देख कर उस खून भरे मंज़र को ।
व्यथित हुआ है हर इक ह्रदय , और अश्रुपूरित हर आखँ है ,
5, 255, 0);">क्रोध में है देश सारा , धधक रही ह्दय में ज्वाला” है ।
तोड़ कर ना-पाक इरादे दुश्मनों के , आतंकियो को तबाह करना है ,
तोड़ कर पाबन्दियाँ अब सारी , दुश्मनों को नेस्तनाबूद करना है ।।
बर्बरता दिखलाकर हर बार ,चीनियों ने दहशत जो फैलाई है ।
अब ना ही रूकेंगे ना ही झुकेंगे -२ , उनको मिटाने की क़सम हमने खाई है ।
कमज़ोर नही है हम और लाचार नही हम , अमन और भाईचारा दिखा रहा है ,
नही रहेगा ख़ामोश अब हिन्दुस्तान ये , भीतर लावा खोल रहा है ।
बहुत हो गया प्रेम -प्यार , अब प्रतिशोध के अगांरो पे डोल रहा है ।
सहेंगे ना अब ज़ुल्म , कोई आतंक का ,
हिसाब होगा हर ज़ख़्म का ये हिन्दोस्तान बोल रहा है ।
ना हो हिम्मत मेरी ज़मीं पर , फिर से पैर रखने की,
चीर के सीना आतंक का , परचम फिर फहराना है ।
नापाक इरादे वालों का , जड़ से सफ़ाया करना है ।
तोड़ कर पाबन्दियाँ सारी , अब चीन को नेस्तनाबूद, करना है ।