थैंक्यू टीचर
थैंक्यू टीचर


गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
जल कर वो दिए की तरह,
कई जीवन रौशन कर जाता है।
कुछ इसी तरह से हर शिक्षक
अपना फर्ज़ निभाता है।
अज्ञान को मिटा कर,
ज्ञान का दीपक जलाया है।
गुरु कृपा से मैंने भी
सबसे ज्ञान पाया है ।
करता है शिक्षक वीरों का गाण ,
बनाता है वो इंसान को इंसान,
ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम।
गुरू बिना ज्ञान कहीं नहीं मिलता है ,
उसके ज्ञान का आदि न अंत यहां।
गुरू ने दी शिक्षा जहां,
बन उठी शिष्टाचार की मूरत वहां।
दिया ज्ञान का भंडार हमें
किया भविष्य के लिए तैयार हमें
हैं आभारी उन गुरुओं के हम
जो किया कृतज्ञ अपार हमें।
जो बनाए हमें इंसान,
दे सही-गलत की पहचान,
उन शिक्षकों को प्रणाम।
शुक्रिया टीचर जी