जिन्दगी तुझसे क्या शिकायत करूँ
जिन्दगी तुझसे क्या शिकायत करूँ
जिन्दगी तुझसे क्या
सवाल करूँ, क्या शिकायत करूँ
तुझसे जैसा चाहा
वैसा ही पाया ...
फूल चाहे तो फूल ही मिले
फूलों में काँटे मिले
मेरी तकदीर के काँटों की
शिकायत तुझसे क्यूँ करूँ ...
सितारों भरा आसमान
चाहा तो भरपूर सितारे मिले
कुछ टूटे बिखरे सितारों की शिकायत
तुझसे क्यूँ करूँ ,
मेरी तकदीर के टूटे सितारों
कि शिकायत तुझसे क्यूँ करूँ ...
जिंदगी हर कदम पर तूने
दिया साथ मेरा,
मंजिल पर आकर राह भटक गयी
शिकायत तुझसे क्यूँ करूँ
मंजिल के लिए तरसना मेरी तकदीर
शिकायत तुझसे क्या करूँ ...।