वट-वृक्ष सी मज़बूत औरतें
वट-वृक्ष सी मज़बूत औरतें
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स्त्रियां होती हैं
वट-वृक्ष सी मज़बूत।
आसरा देती,
नीड़ बसाती,
रक्षण करती है वे
अपनी शाखाओं से।
वे लपेटती है कच्चा सूत
वट-वृक्ष पर
मांगती हैं मन्नते
संतानों के लिए
हर पल छाँव ही छाँव
दूर रहे सदा वह गम की धूप से।
अपनी उम्र भी वार देती
और
मांगती दीर्घायु का वरदान।
सूत लपेटते हुए
हर घेरे में
जाने-अनजाने में
मांग लेती
अपनी ही मृत्यु
अपने सुहाग के अमर
होने का वरदान में।
वे वट-वृक्ष सी मज़बूत औरतें।
