Upasna Siag
Abstract
कुछ सुखद
कुछ दुःखद
कुछ अनुकरणीय
खुरदरी -कठोर
अनुभवों की जमीन पर
जाता हुआ समय
छोड़ जाता है
पदचिन्ह अपने
समय के ये
पदचिन्ह
धुंधलाते नहीं
बिखरते नहीं
बे-रंग भी नहीं होते
कचोटते हैं
ह्रदय-तल को
अडिग-अविरल
लिए स्थायित्व।
फिर भी इंतज़ा...
मेरा पहला प्र...
जिन्दगी तुझसे...
समय के पदचिन्...
प्रेम की पराक...
और तुम मुस्कु...
कोहरे में निक...
सावन, अब के ब...
हैरान हूँ फ़िर...
वट-वृक्ष सी म...
पूरी कर कैसे दूँ, हर जिद तेरी ऐ दिल, चाह तेरी मेरे बस में नहीं। पूरी कर कैसे दूँ, हर जिद तेरी ऐ दिल, चाह तेरी मेरे बस में नहीं।
कभी वक़्त निकाल के बैठिये खुद के साथ कुछ दिन गुज़ारिए कभी अपने साथ। कभी वक़्त निकाल के बैठिये खुद के साथ कुछ दिन गुज़ारिए कभी अपने साथ।
मुझे माफ़ करना हमराही, मेरी रूह पर कर्ज तेरा होगा। मुझे माफ़ करना हमराही, मेरी रूह पर कर्ज तेरा होगा।
लेकिन, आज फिर से मैं बेक़ाबू हो गया ! लेकिन, आज फिर से मैं बेक़ाबू हो गया !
अच्छा बहुत ये काम किया कि 370 हटा दिया। अच्छा बहुत ये काम किया कि 370 हटा दिया।
वर्षों पहले जो भारत ने खोजा, ढूढ़ रहे अब वैज्ञानिक महान ! वर्षों पहले जो भारत ने खोजा, ढूढ़ रहे अब वैज्ञानिक महान !
कभी न फिर पीछे मुड़ देखे, वह कायर और जुल्मी धूर्त। कभी न फिर पीछे मुड़ देखे, वह कायर और जुल्मी धूर्त।
जोड़ तोड़ को अब मरोड़ दें यह संकल्प हमारा, कहो कहो क्या। जोड़ तोड़ को अब मरोड़ दें यह संकल्प हमारा, कहो कहो क्या।
वर्ष उन्नीस हमें तेरी याद बहुत आएगी। वर्ष उन्नीस हमें तेरी याद बहुत आएगी।
हर युवा के मन में देश प्रेम हो ऐसा देश बनाना है। हर युवा के मन में देश प्रेम हो ऐसा देश बनाना है।
तू मेरा कल मैं तेरा कल, तू आता पल मैं जाता पल। तू मेरा कल मैं तेरा कल, तू आता पल मैं जाता पल।
इंसान बुरा नहीं होता है हालात बुरे हो जाते हैं। इंसान बुरा नहीं होता है हालात बुरे हो जाते हैं।
धर्म जाति ये किसने बनाई धर्म जाति ये किसने बनाई
वो गायिका बस गा जाती है उन मामूली नेताओं के बिच उन भद्र इशारा करते श्रोताओं के बिच उन सस्ते माइक ... वो गायिका बस गा जाती है उन मामूली नेताओं के बिच उन भद्र इशारा करते श्रोताओं के...
अक्सर याद आती हैं, भूली हुई कहानी कोई, सुबह या साँझ से। अक्सर याद आती हैं, भूली हुई कहानी कोई, सुबह या साँझ से।
अंधकार को कर दें रोशन वाहेगुरु ने समझाया। अंधकार को कर दें रोशन वाहेगुरु ने समझाया।
चलो अब प्यार खोजते हैं इस दफा इंसान खोजते हैं बस्तियां फैली हैं हर जगह आदम की पहचान खोजते हैं चलो अब प्यार खोजते हैं इस दफा इंसान खोजते हैं बस्तियां फैली हैं हर जगह आदम ...
मैं हैरान हूँ मुझे इश्क़ हुआ कैसे ! मैं हैरान हूँ मुझे इश्क़ हुआ कैसे !
अपना हर वादा तू फिर से निभाने आ जायेगा। अपना हर वादा तू फिर से निभाने आ जायेगा।
इंसानियत, बलिदान की स्याही से लिखो भारतमाता के भाग्य को। इंसानियत, बलिदान की स्याही से लिखो भारतमाता के भाग्य को।