जिंदगी बिखर सी गई है
जिंदगी बिखर सी गई है
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बंजर हो गया हूं मैं,
तेरी यादों के मुरझाने के बाद,
कुछ सहम सा गया हूं,
ठहर गया हूं
मैं तेरे इस तरह जाने के बाद,
अब तो सांसे भी मेरी,
थम थम कर चलती हैं
मेरी उम्मीदों के
कुछ यूं बिखर जाने के बाद,
चारों तरफ सन्नाटा है,
कुछ अकेलापन सा है,
तन्हाई भी है,
पर,
अब जब तू नहीं
तेरी खुसबू इन फिजाओं में नहीं
तो लगता है ,
जिंदगी कुछ बिखर सी गई है।