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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy Inspirational Thriller

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy Inspirational Thriller

जिम्मेदार कौन

जिम्मेदार कौन

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भयावह मंजर आज,

जिम्मेदार कौन ?

कोरोनाकाल भयानक,

अद्रश्यता वाली बीमारी,

शमशान से नदियों तक,

लाशों के ढेर में,


 जलता तैरता आदमी,

अस्पताल से घर तक,

कालाबाजारी जमकर,

सरकार का चुनाव,

सरकार का किरदार,


प्रचारित विकास,

रोजगार के नाम पर,

आत्मनिर्भर का नारा,

स्वास्थ्यता के नाम पर,


स्वच्छंदतावाद का नारा,

दवा के नाम पर खड़िया,

सुरक्षा के नाम रुपिया,

सिर्फ ठकोसला साबित,

अहंकार स्टेट्स लघुगणक,


दबंगई हर जगह शासित,

सांसे मांगती आदमियत,

कफन चोरी जैसे हालात,

म्रत्यु को नहीं समझ रहा,

आज का इंसान मर रहा,

फिर भी बेखबर इंसान,


आदमियत को ठग रहा,

आक्सीजन ब्लैक में दे रहा,

जीने को सांसें खरीद रहा,

प्रौद्योगिकी के नाम पर,

आदमी कमजोर हुआ,


जबकि मजबूत आदमी की,

आर्थिक स्थिति को होना था।


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