जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
है जीवन यात्रा अनगिनत अनवरत
समय रुकता नहीं किसी के लिए
जीवन यात्रा के कुछ पड़ाव खुबसूरत
कुछ मनचाहे से कुछ अनचाहे से।
मन से मन की यात्रा जो तय कर ली
कुछ इंद्रधनुष सतरंगी मन के आकाश
पर उकेर डाले।
बचपन बीते खेल में,
जवानी बीते टशन में फिर आता बुढ़ापा अनुभव और
समझ का भंडार।
है ये लेखा जोखा तेरी संपूर्ण जीवन यात्रा का।
कन्या ,बेटी, बहन, प्रेयसी ,पत्नी, मां नानी, दादी,
मासी है नाम अनगिनत रिश्तो के।
यात्री है ये सब रिश्तों के जो भरे हुए हैं भावों से।
जीवन यात्रा को भर लो सुंदर रिश्तो की
रंगोली से कुछ अलबेले काज कर डालो खोजें तुझको,
हो कौतुहल तेरी जीवन यात्रा को जानने का।
बस अपनी इस यात्रा में तुम हृदय किसी का भुले से भी ना दुखाना।
आज की मेरे शब्दों की यात्रा बस यही विराम लेती है।

