जीवन संगीत
जीवन संगीत
ढूंढती है रंगीनियाँ मुझे तुझसे मिलाने को
तुझे मेरी आदत बनाने को
बादलों से चुरा लाई है हवाएं
खामोशियों की आवाज बनाने को
हर बात में तुम्हारा ही जिक्र लाने को
इन आंखों में तुम्हारी ही फिक्र बसाने को
इन पलकों की शहजादी तुम बनो
आंखों से ही मुझसे बातें सारी करो
कितने ख्वाब सजा लिए हैं
आंखों में सब बसा लिए हैं
हकीकत तुम बना दो
साज कोई सजा लो
सूरज ना ढले बस आती रहो
जीवन को संगीत बनाती रहो।

