जीवन नदी
जीवन नदी
हृदय ध्वनि भी तीव्र हो चली,
सांस हो चली गहरी है।
समय का दरिया अविरल बहता,
जीवन नदी क्यूँ ठहरी है।।
आसमान में बिखरे हैं मोती,
बादल जैसे प्रहरी है।
यादें तुम्हारी ले कर आई
फिर वही शाम सुनहरी है।।
हृदय ध्वनि भी तीव्र हो चली,
सांस हो चली गहरी है।
समय का दरिया अविरल बहता,
जीवन नदी क्यूँ ठहरी है।।
आसमान में बिखरे हैं मोती,
बादल जैसे प्रहरी है।
यादें तुम्हारी ले कर आई
फिर वही शाम सुनहरी है।।