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ज्योति किरण

Romance

5.0  

ज्योति किरण

Romance

जीवन नदी

जीवन नदी

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हृदय ध्वनि भी तीव्र हो चली,

सांस हो चली गहरी है।

समय का दरिया अविरल बहता,

जीवन नदी क्यूँ ठहरी है।।


आसमान में बिखरे हैं मोती,

बादल जैसे प्रहरी है।

यादें तुम्हारी ले कर आई

फिर वही शाम सुनहरी है।।


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