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Meenakshi Shukla

Drama Inspirational

5.0  

Meenakshi Shukla

Drama Inspirational

जीवन मेरा गंगा घाट सा

जीवन मेरा गंगा घाट सा

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जीवन ये मेरा गंगा घाट सा,

जितना सन्नाटा उतना शोर भी है,

यहाँ साधु, बैरागी और चोर भी हैं,

कहीं तरलता, कहीं तरसते छोर भी हैं।


कभी कठोर, कभी नर्म कोर भी है,

कभी निर्मम, कभी भाव विभोर भी है,

कभी निर्भीक, कभी कमज़ोर भी है,

कहीं ग्लानि से सराबोर भी है।


उगता सूरज, अंधियारा घनघोर भी है,

लहरों में डूबता उभरता हर बार सा,

जीवन ये मेरा गंगा घाट सा।


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