The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
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जानी पहचानी आहट !

जानी पहचानी आहट !

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माज़ी की रोशनी में

अफसोस की चिंगारी है

यादों की आतिशबाजियां हैं

और दर्द की दीवाली है


रूहानी कुछ

कुछ सवाल ज़ज़्बाती हैं

गूंज है इकरार की

पर जवाब में खामोशी है


दबे हुए होंठ

और नज़रों में लाचारी है

ज़ुबान में है जान

पर दिल बहुत खाली है


हमदर्द थे कई

कल मिलकर सम्भालने को

यार हज़ार हो गए

अब दूर से पहचानने को


आज कल के किस्सों में

बेहद मारामारी है

मेरे गुज़रे हिस्सों में

मेरी हिस्सेदारी है


जो पीछे खत्म हुए

बीते लम्हों की रवानी है

किस्से जल गए खुशियों के

धुआँ धुँआ एक कहानी है।


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