जीवन का धर्मयुद्ध
जीवन का धर्मयुद्ध
जीवन के इस धर्मयुद्ध में
अभिमन्यु सा मैं
पाप मिटाने आया हूं।
फहराने को धर्म ध्वजा
अन्धकार मिटाने आया हूं।
हां हूं अनुभव शून्य मैं
पर मन भर साहस लाया हूं।
करने को मूल्यों का पुनर्स्थापन
नव इतिहास बनाने आया हूं।
भरने को सबके मन को
हरी का प्रकाश मैं लाया हूं।
प्रतिकूल विचारों की बाधाओं को
दूर भगाने आया हूं।
जीवन के इस धर्मयुद्ध में
अभिमन्यु सा मैं
पाप मिटाने आया हूं।