जीवन और समय
जीवन और समय
ये जीवन है कागज
और समय बहता जल
कागज जो है नश्वर
पर बनकर नौका
तीर जाता है कुछ क्षण
पर है कोई शक्ति
इन दोनों के पार
जो करती है
समय का बहना तय
और तरना
जीवन नौका का
कुछ ने माना उसको
कुछ ने न स्वीकार किया
पर उसने सदा
सभी को,
निष्पक्ष परिणाम दिया।
