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Satyam Tripathi

Abstract

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Satyam Tripathi

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एक पिता

एक पिता

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वो एक इंसान, 
न सिर्फ घर की छत होता है,
बल्कि होता है मजबूत दीवारें भी।

जो अपने परिवार को 
देता है सुरक्षा, संरक्षण और
और सारी सुख सुविधाएं।

जो बचाता है अपने परिवार को,
दुःख के झंझावातों से, सभी जिम्मेदारियों के भार से
और विषम परिस्थितियों की मार से।

वो सबकुछ देता है परिवार को,
बस नहीं दे पाता तो वो है 
खुद को समय और खुद की सेहत पर ध्यान।

एक पिता ही हो सकता, वो इंसान,
जो परिवार की खुशियों की खातिर
हँसकर करता है सारी उम्र बस बलिदान।


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