Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

झूठा वादा

झूठा वादा

1 min
8.5K


वो वादा करते थे साथ जीने मरने का,

और फिर साथ हमारा छोड़ दिया।

हम सोचते ही रह गए आखिर क्यों,

ग़ालिब ने यूँ वादा अपना तोड़ दिया।

फिर सहसा याद आया कम्बख्त,

वो हमें अंधेरे में रख कर ही सही,

नाता औरों से अपना जोड़ लिया।


कहते थे हमसे वो कि नशे में भी,

हमे वे बेपनाह याद करते हैं।

तोड़ देती है उनको जब दुनिया सारी,

हमसे मिलने की फरियाद करते हैं।

हर बेतुकी सी बातों में उनकी हमने,

अपने कई आशियाने बना लिए।

हम उनसे थोड़े नज़दीक क्या आए,

वो तो हमसे काफी दूर चल दिए।


अनजाने में ही सही शायद,

खींच गई थी हमारे बीच कोई रेखा

इसलिए आज तक हमने वाकई,

ग़ालिब को मुड़कर नहीं देखा।

ग़लती से एक दिन फिर

उन्हें हमारी याद बहुत आई

भुला कर सब कुछ जनाब

उन्होंने पुकार हमें फिर लगाई


कह दिया हमने भी उनसे कि

यह हमारी जिंदगी का उसूल है,

जहाँ हमारी होती कद्र नहीं,

वहाँ रहना भी फ़िजूल है।

फिर क्या अब नहीं बचा है,

कुछ भी उनसे कहने के लिए।

वो अपने रास्ते चले गए,

और हम अपने रास्ते चल दिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance