झुमका और वो
झुमका और वो
"मुसीबत है,ये झुमके,
जो तेरे कानों में झूम रहे है,
आए थे,आपसे कुछ कहने
जो अब भूल रहे है।।"
"हम उस झुमका पहने चेहरे के,
इस कदर दीवाने हो गए,
कि पता ही न चला जनाब,
कब खुद से ही बेगाने हो गए ।।"
"चांद को बड़ा गुरुर था, अपने नूर पर,
आज तो चांद भी जल गया,
उसके चेहरे का नूर देख कर,
जब वो झुमका पहन कर निकली।।

